जोधपुर बसने से 340 साल पूर्व बना वैद्यनाथ महादेव मंदिर शहर से करीब 20 कि.मी. दुर स्थित भोगिशैल पहाड़ियों में स्थित वैद्यनाथ महादेव मंदिर जोधपुर की स्थापना से 340 साल पूर्व का है। तत्कालीन मारवाड़ की राजधानी मंडोर में सरदार नाहरसिंह प्रतिहार का शासन था। कहा जाता है कि नाहड़ राव प्रतिहार परम शिव भक्त थे। एक बार उनके पुत्र की तबीयत बहुत खराब हो गई। राज चिकित्सक भी प्रवास पर थे। चिंतित मुद्रा में बैठ नाहरसिंह प्रतिहार के पास उस समय एक सैनिक घुड़सवार सूचना लाया की पहाड़ी पर पेड़ के नीचे कोई बुजुर्ग वैद्य विराजे है। सरदार नाहरसिंह वैद्य जी को बुलाने में समय व्यर्थ गंवाने की बजाए । अपने पुत्र को रथ में बैठाकर वैध के पास निकाल पड़े ओर उपचार शुरू करवाया। कुछ ही देर में नाहरसिंह के पुत्र को आराम मिला उन्होंने वैध राज को प्रणाम कर अपने साथ मंडोर चलने को कहा। लेकिन वह अन्तर्ध्यान हो गए। नाहरसिंह की समझ में आ गया कि साक्षात महादेव वैधराज बनकर प्रकट हुए थे। इसके बाद नाहरसिंह ने उसी जगह विक्रम संवत 1176 में भाद्र मास की पूर्णिमा के दिन मंदिर प्रतिष्ठित किया था। @rajasthan patrika